जब हम बात करते हैं चक्कर आने या संतुलन में गड़बड़ी की, तो अक्सर दो शब्दों का जिक्र होता है – वर्टिगो (Vertigo) और चक्कर (Dizziness)। इन दोनों शब्दों का अर्थ अलग होता है, लेकिन अक्सर लोग इन्हें एक समान समझ लेते हैं। इस लेख में, हम इन दोनों के बीच के अंतर को समझेंगे और जानेंगे कि किन परिस्थितियों में ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वर्टिगो क्या है?
वर्टिगो एक विशेष प्रकार की चक्कर आने की अनुभूति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसके आस-पास की चीजें घूम रही हैं या वह स्वयं घूम रहा है। यह एक अनुभूति है जो मस्तिष्क के भीतर संतुलन को नियंत्रित करने वाली संरचनाओं में गड़बड़ी के कारण होती है। वर्टिगो आमतौर पर निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- भूलने का रोग (Benign Paroxysmal Positional Vertigo – BPPV): यह स्थिति तब होती है जब मस्तिष्क में छोटे कण बालों के बालों में फंस जाते हैं, जिससे घुमाने की अनुभूति होती है।
- मेंनियर्स रोग (Meniere’s Disease): इस बीमारी में कान के अंदर तरल पदार्थ का असामान्य संचय होता है, जिससे वर्टिगो की समस्या होती है।
- तंत्रिका संबंधी समस्याएँ: कुछ मामलों में, तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी वर्टिगो का कारण बन सकती हैं।
चक्कर क्या है?
चक्कर एक सामान्य अनुभूति है जिसमें व्यक्ति को हल्की या भारीपन की अनुभूति होती है, लेकिन इसमें यह अनुभव नहीं होता है कि चीजें घूम रही हैं। यह स्थिति अधिकतर निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:
- तनाव और चिंता: अत्यधिक मानसिक तनाव या चिंता के कारण चक्कर आना आम है।
- कम रक्तचाप: अचानक खड़े होने या बैठने से रक्तचाप में गिरावट से भी चक्कर आ सकता है।
- निर्जलीकरण: पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे चक्कर आने की समस्या उत्पन्न होती है।
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वर्टिगो और चक्कर के लक्षण
- वर्टिगो:
- घूमने की अनुभूति
- संतुलन खोने का अहसास
- मतली या उल्टी
- आँखों के सामने धुंधलापन
- चक्कर:
- हल्का भारीपन
- अस्थिरता
- थकान या कमजोरी
- मानसिक संकेतन में गड़बड़ी
वर्टिगो और चक्कर के इलाज
वर्टिगो का इलाज:
वर्टिगो के उपचार के लिए चिकित्सा पर ध्यान दिया जाता है। चिकित्सक निम्नलिखित उपचारों की सिफारिश कर सकते हैं:
- शारीरिक चिकित्सा: शारीरिक चिकित्सक कुछ विशेष तकनीकें सिखाते हैं, जिन्हें संतुलन में सुधार के लिए किया जा सकता है।
- दवाएं: वर्टिगो के लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
- सर्जरी: कुछ जटिल मामलों में, सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।
चक्कर का इलाज:
चक्कर आने की स्थिति में, निम्नलिखित उपाय मददगार हो सकते हैं:
- आराम करना: चक्कर आने की स्थिति में आराम करना जरूरी है।
- जल का सेवन: शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- तनाव प्रबंधन: तनाव और चिंता को नियंत्रित करने के लिए ध्यान और योग का सहारा लें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि आप वर्टिगो या चक्कर के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें:
- यदि लक्षण लगातार बने रहते हैं।
- यदि आपको सिरदर्द या दृष्टि में परिवर्तन जैसे अन्य लक्षण भी अनुभव होते हैं।
- यदि आपको पहले से मौजूद किसी बीमारी की स्थिति में बदलाव होता है।
निष्कर्ष
वर्टिगो और चक्कर दो अलग-अलग अनुभव हैं, लेकिन दोनों ही संतुलन और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। वर्टिगो एक गंभीर समस्या हो सकती है, जबकि चक्कर अधिकतर अस्थायी स्थिति होती है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। ध्यान रखें कि सही निदान और उपचार ही आपकी समस्या का समाधान कर सकता है।