एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर में बड़ा फर्क! जानिए लक्षण और उपाय

आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में कई लोग एंग्जाइटी या चिंता की समस्या का सामना करते हैं। हालांकि, बहुत से लोग एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर को समान मानते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण फर्क होता है। इस लेख में हम एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर के बीच का अंतर, उनके लक्षण, और इसके उपायों पर चर्चा करेंगे।

एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर का फर्क

__________________________एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर का फर्क__________________
  1. एंग्जाइटी (चिंता): एंग्जाइटी एक सामान्य भावना है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में तनाव, परेशानी या चिंता के रूप में अनुभव की जाती है। यह किसी महत्वपूर्ण कार्य, परीक्षा, या सार्वजनिक बोलने जैसी स्थितियों में आम है। यह स्थिति सामान्यत: अस्थायी होती है और समय के साथ ठीक हो जाती है।
  2. एंग्जाइटी डिसऑर्डर: एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति की चिंता और तनाव इतनी अधिक होती है कि यह उनकी दिनचर्या और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। यह चिंता निरंतर रहती है और व्यक्ति के सामान्य जीवन में हस्तक्षेप करती है। इसे सही तरीके से न सुलझाने पर यह गंभीर समस्या बन सकती है।

एंग्जाइटी के लक्षण

_____________________एंग्जाइटी के लक्षण__________________________
  • अस्थायी चिंता: जीवन की चुनौतियों, जैसे कि नौकरी का इंटरव्यू या परीक्षा की तैयारी के दौरान महसूस होने वाली चिंता।
  • ध्यान में कमी: कार्य पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना।
  • शारीरिक लक्षण: जैसे कि पसीना आना, दिल की धड़कन तेज होना, या हाथों का कांपना।
  • नींद की समस्या: चिंता के कारण नींद में समस्या आना।

एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण

_________________________________एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण__________________________
  • निरंतर चिंता: चिंता का एक लगातार अनुभव जो किसी विशेष स्थिति से संबंधित नहीं होता।
  • पैनिक अटैक: अचानक तेज़ दिल की धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, या घबराहट का अनुभव।
  • सामाजिक चिंता: लोगों के बीच जाने या सार्वजनिक रूप से बोलने में अत्यधिक घबराहट।
  • फोबिया: किसी विशेष वस्तु या स्थिति के प्रति अत्यधिक डर और उससे बचने की प्रवृत्ति।

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एंग्जाइटी के उपाय

__________________________________एंग्जाइटी के उपाय_________________________________
  1. स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली: नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद एंग्जाइटी को कम कर सकते हैं।
  2. योग और ध्यान: योग और ध्यान मानसिक शांति लाने में सहायक हो सकते हैं।
  3. सकारात्मक सोच: चिंताओं से बाहर निकलने के लिए सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें और खुद को प्रोत्साहित करें।
  4. समय प्रबंधन: तनावपूर्ण परिस्थितियों को मैनेज करने के लिए अच्छे समय प्रबंधन का अभ्यास करें।
  5. समर्थन प्राप्त करें: परिवार और दोस्तों से समर्थन प्राप्त करें और अपने विचार साझा करें।

एंग्जाइटी डिसऑर्डर के उपाय

_________________________एंग्जाइटी डिसऑर्डर के उपाय_____________________
  1. पेशेवर सहायता: मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से सहायता प्राप्त करें, जो उचित थैरेपी या उपचार की सिफारिश कर सकते हैं।
  2. दवाइयाँ: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयाँ एंग्जाइटी डिसऑर्डर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
  3. कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी (CBT): यह थैरेपी सोच और व्यवहार के पैटर्न को बदलने में मदद कर सकती है।
  4. सामाजिक समर्थन: समर्थन समूहों और आत्म-सहायता समूहों में शामिल हों, जो समान समस्याओं का सामना कर रहे लोगों से मिलकर मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

एंग्जाइटी और एंग्जाइटी डिसऑर्डर दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ हैं, लेकिन उनके लक्षण और प्रभाव अलग होते हैं। सामान्य एंग्जाइटी आमतौर पर अस्थायी होती है और जीवन की चुनौतियों से जुड़ी होती है, जबकि एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक गंभीर स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। सही पहचान और उचित उपचार के माध्यम से दोनों समस्याओं को मैनेज किया जा सकता है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो समय पर पेशेवर सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

 

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