कंगना रनौत का सेंसर बोर्ड पर हमला: OTT प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप की मांग

कंगना रनौत का सेंसर बोर्ड पर हमला: OTT प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप की मांग बॉलीवुड की क्वींन कही जाने वालीं कंगना रनौत हमेशा अपनी बेबाकी और बेधड़क बयानों के लिए सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में उन्होंने सेंसर बोर्ड और OTT प्लेटफॉर्म्स पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि यह जरूरी है कि OTT पर भी सेंसरशिप लागू की जाए। उन्होंने इसे ‘डबल स्टैंडर्ड’ कहा और स्पष्ट किया कि कैसे पैसों के दम पर OTT कंटेंट में गंदगी फैलायी जा रही है।

कंगना रनौत की सेंसरशिप पर राय

कंगना का मानना है कि सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली फिल्मों को सेंसर बोर्ड से सख्त मंजूरी लेनी पड़ती है, जबकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर ऐसा कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा, “आजकल OTT प्लेटफॉर्म पर जो भी कंटेंट डाला जा रहा है, उसमें किसी भी तरह की नैतिकता नहीं दिखाई जाती। सेक्स, ड्रग्स, हिंसा, और गाली-गलौज जैसी चीजों को खुलेआम दिखाया जा रहा है, और इसके लिए किसी प्रकार की जवाबदेही नहीं है।”

डबल स्टैंडर्ड पर कंगना का बयान

कंगना ने साफ-साफ कहा कि सेंसर बोर्ड फिल्मों पर कड़ी नजर रखता है, जबकि OTT प्लेटफॉर्म्स पर उसे कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने इसे ‘डबल स्टैंडर्ड’ करार दिया और कहा कि OTT पर दिखाए जा रहे कंटेंट पर भी वही नियम लागू होने चाहिए, जो फिल्मों पर होते हैं। कंगना ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि यह समाज के नैतिक मूल्यों के खिलाफ है और सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए।

OTT प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप की मांग

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कंगना रनौत ने स्पष्ट रूप से कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप लागू करना आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि यह केवल फिल्मों या वेब सीरीज के कंटेंट को शुद्ध करने का मामला नहीं है, बल्कि समाज के भविष्य को नैतिकता और मूल्य आधारित जीवन के मार्ग पर ले जाने की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने यह भी कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स का इस तरह का कंटेंट युवाओं और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

OTT पर दिखाए जा रहे विवादित कंटेंट पर सवाल

कंगना ने खासकर OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जा रहे विवादित कंटेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म्स अक्सर पॉपुलैरिटी के लिए आपत्तिजनक कंटेंट को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे कंटेंट को दिखाना जो हमारे समाज के संस्कारों के खिलाफ हो, यह सीधे तौर पर सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रहा है।”

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पैसों के लिए बढ़ रही गंदगी

कंगना ने OTT प्लेटफॉर्म्स पर पैसों के लिए बेवजह की अश्लीलता और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर चल रहे कंटेंट को देखकर यह साफ लगता है कि यह केवल धन कमाने का जरिया बन गया है, जिसमें नैतिकता और संस्कारों का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, “OTT प्लेटफॉर्म्स पर एक तरह का अनैतिक व्यापार चल रहा है, जहां कंटेंट के नाम पर पैसों के लिए गंदगी फैलाई जा रही है।”

OTT कंटेंट पर नियंत्रण क्यों जरूरी है?

कंगना का कहना है कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप का होना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर समाज के लोगों, खासकर युवा वर्ग पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने वाले कंटेंट के कारण परिवारों में आपसी संबंधों में दरार आ रही है और बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

सरकार से कड़ी कार्रवाई की अपील

कंगना रनौत ने अपनी इस राय को केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जब फिल्मों पर सेंसरशिप लागू है, तो OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी यह लागू होनी चाहिए। कंगना का मानना है कि केवल इसी तरह से समाज में नैतिकता और अनुशासन को बनाए रखा जा सकता है।

निष्कर्ष

कंगना रनौत का यह बयान न केवल OTT प्लेटफॉर्म्स पर जारी अश्लीलता और हिंसा के खिलाफ है, बल्कि समाज की नैतिकता और मूल्यों को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके अनुसार, OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी सेंसरशिप लागू करना वक्त की जरूरत है ताकि युवाओं को स्वस्थ और सकारात्मक दिशा में प्रेरित किया जा सके। समाज को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

 

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